Wednesday, December 18, 2019

ठंड में पिरकीया

पिरकिया खा रहा था
सासु मां ने भेजा था
रजाई के अंदर
ठंड का मजजा लेते

किसी ने कहा कि दुनिया में 
बवाल हो गया है

किसी ने कहा कि 
किसी ताकतवर ने
कुछ कमजोर लोगों को सताया हैं

सदियों से ये होता चला आ रहा है
हीन भावना से ग्रसित इंसान 
जब जब ताकत पाता है
तब तब किसी कमजोर की आह निकलवाता है

मैं भी कमजोर ही हूं
क्या पता ये इंसान 
मेरे पीछे भी आ जाए

इसीलिए ये आधी खाई हुई 
पीरकिया 
का मेरे जीवन में महत्व 
और भी बढ़ जाता है

चैन से आज आधी खा लेता हूं
चैन से दो पल बिता लेता हूं 
चैन से दो पल बिता लेता हूं


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