लगती हो सुन्दर मूझको
कहने ये गया मैं तुझको
हंसती हों , मुस्कुराती हों
मूझपे केेहर बरसाती हों
हंसाती हों , रूलाती हों
मम्मी पापा की याद भी दिलाती हों
उठाती हों, गिराती हों
रुक रुक के हौसला भी दिलाती हों
लोग तुम्हें अकेलापन कहते हैं
कुछ तुम्हें ख़ामोशी कहते हूं
तुम हो मेरी तनहाई
बस मैं तुम्हीं पर मरता हुं
बस मैं तुम्हीं पर मरता हुं
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