Monday, August 19, 2019

पीर दिल की

लगती हो सुन्दर मूझको
कहने ये गया मैं तुझको

हंसती हों , मुस्कुराती हों
मूझपे केेहर बरसाती हों

हंसाती हों , रूलाती हों
मम्मी पापा की याद भी दिलाती हों

उठाती हों, गिराती हों
रुक रुक के हौसला भी दिलाती हों

लोग तुम्हें अकेलापन कहते हैं
कुछ तुम्हें ख़ामोशी कहते हूं

तुम हो मेरी तनहाई

बस मैं तुम्हीं पर मरता हुं
बस मैं तुम्हीं पर मरता हुं

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